प्रियामणि
Jun 4, 1984
12:00:00
Palakkad
80 E 18
13 N 5
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
प्रियमनी एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, प्रियमनी की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। प्रियमनी अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण प्रियमनी में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण प्रियमनी जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।प्रियमनी संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि प्रियमनी को पता लगे कि प्रियमनी का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो प्रियमनी तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।प्रियमनी के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि प्रियमनी के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। प्रियमनी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि प्रियमनी सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु प्रियमनी अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः प्रियमनी को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। प्रियमनी को यह मानकर चलना चाहिए कि प्रियमनी को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।प्रियमनी वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। प्रियमनी सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। प्रियमनी के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह प्रियमनी को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन प्रियमनी को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
प्रियमनी को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और प्रियमनी को अधिक की उम्मीद रहती है। प्रियमनी के इतने परेशान रहने के कारण प्रियमनी को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। प्रियमनी बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में प्रियमनी परेशानी महसूस करते हैं। यदि प्रियमनी अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।प्रियमनी एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना प्रियमनी को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव प्रियमनी की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण प्रियमनी की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही प्रियमनी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। प्रियमनी के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और प्रियमनी की कल्पनाशीलता प्रियमनी को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि प्रियमनी को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब प्रियमनी अध्ययन करने बैठें तो प्रियमनी को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और प्रियमनी की स्मरण शक्ति भी प्रियमनी की मदद करे। यदि प्रियमनी मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, प्रियमनी अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
प्रियमनी दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण प्रियमनी विरोध के पात्र बन जाते हैं। प्रियमनी के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप प्रियमनी लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।