राघवजी
Jul 7, 1934
12:0:0
Vidisha
77 E 50
23 N 30
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Raghavji एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Raghavji की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Raghavji अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Raghavji में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Raghavji जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Raghavji संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Raghavji को पता लगे कि Raghavji का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Raghavji तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Raghavji के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Raghavji के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Raghavji के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Raghavji सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Raghavji अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Raghavji को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Raghavji को यह मानकर चलना चाहिए कि Raghavji को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Raghavji वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Raghavji सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Raghavji के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Raghavji को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Raghavji को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Raghavji को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Raghavji को अधिक की उम्मीद रहती है। Raghavji के इतने परेशान रहने के कारण Raghavji को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Raghavji बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Raghavji परेशानी महसूस करते हैं। यदि Raghavji अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Raghavji एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Raghavji को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Raghavji की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Raghavji की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Raghavji शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Raghavji के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Raghavji की कल्पनाशीलता Raghavji को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Raghavji को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Raghavji अध्ययन करने बैठें तो Raghavji को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Raghavji की स्मरण शक्ति भी Raghavji की मदद करे। यदि Raghavji मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Raghavji अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Raghavji स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो Raghavji कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि Raghavji मंचपर हों तो Raghavji अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।