राजेन्द्र प्रसाद
Dec 03, 1884
08:45:00
Jhiradei
84 E 21
26 N 14
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
सहानुभूति और आतिथ्य जैस गुण मिलकर Rajendra Prasad के चरित्र को अद्भुत बनाते हैं। Rajendra Prasad के अन्दर दूसरों को प्रसन्न रखने की तीव्र इच्छा है। कोई भी गुण इससे बड़ा नहीं हो सकता परन्तु इसकी अधिकता ठीक नहीं है। दूसरों के लिये Rajendra Prasad अपना अत्यधिक समय और धन खर्च करते हैं।Rajendra Prasad का व्यक्तित्व सांस्कृतिक हैं। उच्चस्तरीय साहित्य और कलात्मक कार्यों के प्रति Rajendra Prasad का रुझान है। यद्यपि Rajendra Prasad का व्यावसायिक दृष्टिकोण Rajendra Prasad को इनसे दूर रखने की कोशिश करता है।धन के प्रति Rajendra Prasad का विशिष्ट दृष्टिकोण है। कभी-कभी Rajendra Prasad आवश्यक वस्तुओं पर भी खर्च नहीं करते हैं तो कभी-कभी Rajendra Prasad मुक्त-हस्त खर्च करते जाते हैं। Rajendra Prasad हमेशा ही सामाजिक कार्यों में मदद करते हैं। विशेष परिस्थितियों में कुछ रुपयों को बचाने की खातिर Rajendra Prasad स्वयं को मुसीबत में डाल देते हैं।ाीघ्र प्रभावित होना Rajendra Prasad की सबसे बड़ी कमजोरी है। Rajendra Prasad अपने कानों पर जरूरत से ज्यादा ही विश्वास करते हैं। अनैतिक लोग Rajendra Prasad की इस कमजोरी को तुरन्त जान जाते हैं और वक्त-जरूरत इसका अनुचित लाभ उठाते हैं। अतः Rajendra Prasad ऐसे लोगों से सदैव सचेत रहें जो कि Rajendra Prasad के मित्र बनकर Rajendra Prasad के पास आते हैं।
Rajendra Prasad को ईश्वर ने अत्युत्तम व्यावहारिक ज्ञान और अपनी आवश्यकता के प्रति स्पष्ट नजरिया दिया है। Rajendra Prasad तार्किक एवं व्यावहारिक हैं। Rajendra Prasad वातावरण में खुशहाली खोजते हैं और अपने विचार-क्षितिज को व्यापक बनाने से डरते नहीं है। Rajendra Prasad भय को पहचानकर उसे दूर करने के रास्ते खोज लेते हैं। कृपया ध्यान रखें कि यदि Rajendra Prasad सिर्फ अपने बारे में सोचेंगे, तो Rajendra Prasad की सफलता की संभावना बहुत कम होगी।Rajendra Prasad एक ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी हैं जो सबसे अलग है। Rajendra Prasad औरों लोगों से हटकर अपने जीवन को अलग तरीके से जीते हैं और जब बात Rajendra Prasad की शिक्षा की आती है तब भी Rajendra Prasad ऐसा ही करते हैं। Rajendra Prasad कई बार जल्दबाजी में भी बहुत चीजें सीखना चाहते हैं जो बाद में Rajendra Prasad को परेशान करती हैं। हालांकि Rajendra Prasad की लेखन क्षमता बेहतर हो सकती है और Rajendra Prasad लिखने में आनंद महसूस कर सकते हैं। Rajendra Prasad अपनी गलतियों से सीखना पसंद करते हैं और सहजता से किसी भी कार्य में अपना सब कुछ लगा देते हैं। अपनी इसी विशेषता को Rajendra Prasad को शिक्षा के क्षेत्र में भी लगाना चाहिए। कभी-कभी अपनी ही गलतियों के कारण Rajendra Prasad को परेशानी उठानी पड़ सकती है और इसी वजह से Rajendra Prasad की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। Rajendra Prasad को जीवन के अनुभवों से सीखने में आनंद आता है और यही बात Rajendra Prasad को शिक्षा के क्षेत्र में छोटी-छोटी बातों से सीखने में सफलता देती है। Rajendra Prasad के लिए आवश्यक है कि Rajendra Prasad जो कुछ भी सीखते हैं उसे एक बार पुनः दोहरायें ताकि वह Rajendra Prasad की स्मृतियों में अंकित हो जाए। शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां का सामना करने के बाद ही सफलता प्राप्त हो सकती है।
Rajendra Prasad की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि Rajendra Prasad को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु Rajendra Prasad का ऐसा सोचना सही नहीे है, Rajendra Prasad उस दिशा में तभी जाएं यदि Rajendra Prasad को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।