रजनीकांत
Dec 12, 1950
23:49:00
Bangalore
77 E 35
13 N 0
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
रजनीकांत एक संवेदनशील एवं भावुक व्यक्ति हैं। जीवन की कठनाइयों का रजनीकांत पर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा प्रभाव पड़ता है परिणामस्वरूप रजनीकांत जीवन के कुछ सुखद पल खो देते हैं। दूसरों द्वार कही गयीं बातों को रजनीकांत दिल पर ले लेते हैं। अतः कुछ एसी बातें है जो रजनीकांत को दुःख देती हैं परन्तु उस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिये।रजनीकांत के कार्य करने का तरीका शान्तिपूर्ण है,परिणामस्वरूप रजनीकांत अपने सहकर्मियों की नजर में मजबूत इच्छाशक्ति एवं दृढ-निश्चयी वाले व्यक्ति प्रतीत होते हैं। रजनीकांत की यह प्रवृत्ति रजनीकांत को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती है।रजनीकांत बोलने से अधिक सोचते हैं और रजनीकांत का यह चिन्तनतार्किक होता है। लोग रजनीकांत से सलाह मांगने इसलिये आते हैं क्योंकि रजनीकांत का निर्णयपालन करने योग्य और निष्पक्ष होता है।रजनीकांत में अनेक उत्तम गुण हैं। रजनीकांत एक सहानुभूतिपूर्ण मनुष्य हैं, जोकि रजनीकांत को एक अच्छा मित्र बनाता है। रजनीकांत अनुरागी व देशभक्त हैं, यही कारण है कि रजनीकांत एक अच्छे नागरिक भी हैं। रजनीकांत प्यारे माताध्पिता होंगे।रजनीकांत अपने माता-पिता की इच्छानुसार कार्य करेंगे। निश्चय ही रजनीकांत की ये अच्छाइयां दूसरों पर भारी पड़ेंगी।
रजनीकांत सकारात्मक सोच वाले और आत्मविश्वासी व्यक्ति हैं। रजनीकांत सदैव कार्यों के सही होने की आशा करते हैं व वर्तमान परिणाम को जाने देने की क्षमता रखते हैं। रजनीकांत दयालु तथा सहिष्णु हैं, व्यावहारिक हैं एवं सूक्ष्म गहराइयों में जाकर किसी भी अवधारणा को पूर्णतः समझते हैं। जीवन के प्रति रजनीकांत विश्वास और दार्शनिक दृष्टिकोण रखते हैं, जो कि जीवन मेें रजनीकांत को कई मौके देता है और सफलता पाने में रजनीकांत की मदद करता है।रजनीकांत के अंदर गजब की फुर्ती है और रजनीकांत जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन अपने स्वयं के बनाए विरोधाभासों में फँस कर रजनीकांत अपनी शिक्षा से विमुख हो सकते हैं। ऐसे में रजनीकांत को इन सभी बातों को त्याग कर खुले दिल से सोचना चाहिए। रजनीकांत को यह समझना चाहिए कि जो रजनीकांत हैं, रजनीकांत उससे भी बेहतर हो सकते हैं और उसके लिए रजनीकांत को अपनी शिक्षा का दायरा बढ़ाना होगा। यदि रजनीकांत एक योजना बना कर शिक्षा प्राप्त करेंगे तो रजनीकांत को जबरदस्त सफलता हासिल होगी। रजनीकांत जो कुछ भी जानते हैं उसे अन्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना पसंद करते हैं। वास्तव में यहीं से रजनीकांत सीखना प्रारंभ कर रहे हैं। क्योंकि जब रजनीकांत थोड़ा भी जान जाते हैं और उसे लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो ऐसा करने से वह रजनीकांत के चित्त की स्मृतियों में अंकित हो जाता है और यही रजनीकांत को अपनी शिक्षा में मदद करता है। रजनीकांत वास्तव में ऐसी शिक्षा प्राप्त करेंगे जो जीवन में रजनीकांत को एक अच्छा मुकाम दिलाने में सहायक होगी और रजनीकांत को मानसिक रुप से भी संतुष्टि प्रदान करेगी।
रजनीकांत की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि रजनीकांत को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु रजनीकांत का ऐसा सोचना सही नहीे है, रजनीकांत उस दिशा में तभी जाएं यदि रजनीकांत को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।