रामभद्राचार्य
Jan 14, 1950
12:00:0
Jaunpur
82 E 41
25 N 44
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Rambhadracharya एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Rambhadracharya की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Rambhadracharya अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Rambhadracharya में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Rambhadracharya जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Rambhadracharya संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Rambhadracharya को पता लगे कि Rambhadracharya का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Rambhadracharya तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Rambhadracharya के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Rambhadracharya के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Rambhadracharya के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Rambhadracharya सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Rambhadracharya अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Rambhadracharya को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Rambhadracharya को यह मानकर चलना चाहिए कि Rambhadracharya को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Rambhadracharya वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Rambhadracharya सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Rambhadracharya के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Rambhadracharya को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Rambhadracharya को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Rambhadracharya को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Rambhadracharya को अधिक की उम्मीद रहती है। Rambhadracharya के इतने परेशान रहने के कारण Rambhadracharya को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Rambhadracharya बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Rambhadracharya परेशानी महसूस करते हैं। यदि Rambhadracharya अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Rambhadracharya एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Rambhadracharya को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Rambhadracharya की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Rambhadracharya की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Rambhadracharya शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Rambhadracharya के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Rambhadracharya की कल्पनाशीलता Rambhadracharya को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Rambhadracharya को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Rambhadracharya अध्ययन करने बैठें तो Rambhadracharya को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Rambhadracharya की स्मरण शक्ति भी Rambhadracharya की मदद करे। यदि Rambhadracharya मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Rambhadracharya अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Rambhadracharya अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Rambhadracharya को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Rambhadracharya उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Rambhadracharya का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Rambhadracharya के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।