रामधारी सिंह दिनकर
Sep 23, 1908
12:00:00
Simriya
84 E 58
24 N 5
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
रामधारी सिंह दिनकर एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, रामधारी सिंह दिनकर की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। रामधारी सिंह दिनकर अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण रामधारी सिंह दिनकर में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण रामधारी सिंह दिनकर जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।रामधारी सिंह दिनकर संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि रामधारी सिंह दिनकर को पता लगे कि रामधारी सिंह दिनकर का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो रामधारी सिंह दिनकर तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।रामधारी सिंह दिनकर के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि रामधारी सिंह दिनकर के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। रामधारी सिंह दिनकर के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि रामधारी सिंह दिनकर सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु रामधारी सिंह दिनकर अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः रामधारी सिंह दिनकर को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। रामधारी सिंह दिनकर को यह मानकर चलना चाहिए कि रामधारी सिंह दिनकर को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।रामधारी सिंह दिनकर वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। रामधारी सिंह दिनकर सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। रामधारी सिंह दिनकर के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह रामधारी सिंह दिनकर को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन रामधारी सिंह दिनकर को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण रामधारी सिंह दिनकर अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। रामधारी सिंह दिनकर व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में रामधारी सिंह दिनकर ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और रामधारी सिंह दिनकर को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।रामधारी सिंह दिनकर के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से रामधारी सिंह दिनकर किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि रामधारी सिंह दिनकर उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी रामधारी सिंह दिनकर को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। रामधारी सिंह दिनकर अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना रामधारी सिंह दिनकर को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर रामधारी सिंह दिनकर अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है रामधारी सिंह दिनकर को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से रामधारी सिंह दिनकर की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण रामधारी सिंह दिनकर अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार रामधारी सिंह दिनकर को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना रामधारी सिंह दिनकर उम्मीद करते हैं, लेकिन रामधारी सिंह दिनकर के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही रामधारी सिंह दिनकर को जीवन में सफल बनाएगी।
रामधारी सिंह दिनकर स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो रामधारी सिंह दिनकर कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि रामधारी सिंह दिनकर मंचपर हों तो रामधारी सिंह दिनकर अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।