एस पी बालसुब्रमण्यम
Jun 4, 1946
12:0:0
Konetammapeta, Nellore
80 E 0
14 N 29
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
S. P. Balasubrahmanyam एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, S. P. Balasubrahmanyam की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। S. P. Balasubrahmanyam अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण S. P. Balasubrahmanyam में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण S. P. Balasubrahmanyam जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।S. P. Balasubrahmanyam संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि S. P. Balasubrahmanyam को पता लगे कि S. P. Balasubrahmanyam का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो S. P. Balasubrahmanyam तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।S. P. Balasubrahmanyam के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि S. P. Balasubrahmanyam के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। S. P. Balasubrahmanyam के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि S. P. Balasubrahmanyam सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु S. P. Balasubrahmanyam अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः S. P. Balasubrahmanyam को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। S. P. Balasubrahmanyam को यह मानकर चलना चाहिए कि S. P. Balasubrahmanyam को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।S. P. Balasubrahmanyam वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। S. P. Balasubrahmanyam सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। S. P. Balasubrahmanyam के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह S. P. Balasubrahmanyam को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन S. P. Balasubrahmanyam को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
S. P. Balasubrahmanyam को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और S. P. Balasubrahmanyam को अधिक की उम्मीद रहती है। S. P. Balasubrahmanyam के इतने परेशान रहने के कारण S. P. Balasubrahmanyam को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। S. P. Balasubrahmanyam बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में S. P. Balasubrahmanyam परेशानी महसूस करते हैं। यदि S. P. Balasubrahmanyam अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।S. P. Balasubrahmanyam एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना S. P. Balasubrahmanyam को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव S. P. Balasubrahmanyam की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण S. P. Balasubrahmanyam की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही S. P. Balasubrahmanyam शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। S. P. Balasubrahmanyam के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और S. P. Balasubrahmanyam की कल्पनाशीलता S. P. Balasubrahmanyam को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि S. P. Balasubrahmanyam को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब S. P. Balasubrahmanyam अध्ययन करने बैठें तो S. P. Balasubrahmanyam को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और S. P. Balasubrahmanyam की स्मरण शक्ति भी S. P. Balasubrahmanyam की मदद करे। यदि S. P. Balasubrahmanyam मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, S. P. Balasubrahmanyam अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
S. P. Balasubrahmanyam दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण S. P. Balasubrahmanyam विरोध के पात्र बन जाते हैं। S. P. Balasubrahmanyam के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप S. P. Balasubrahmanyam लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।