सचिदानंद वत्सयान
Mar 7, 1911
12:00:00
Kushinagar (Deoria)
83 E 48
26 N 31
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Sachchidananda Vatsyayan के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। Sachchidananda Vatsyayan एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। Sachchidananda Vatsyayan काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग Sachchidananda Vatsyayan के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे Sachchidananda Vatsyayan के अच्छे मित्र होते हैं।Sachchidananda Vatsyayan उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब Sachchidananda Vatsyayan इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो Sachchidananda Vatsyayan इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये Sachchidananda Vatsyayan समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, Sachchidananda Vatsyayan जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि Sachchidananda Vatsyayan के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।Sachchidananda Vatsyayan जनता के समक्ष अपने Sachchidananda Vatsyayan को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने Sachchidananda Vatsyayan को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण Sachchidananda Vatsyayan के अनेक मित्र हैं और Sachchidananda Vatsyayan उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। Sachchidananda Vatsyayan के ऊपर Sachchidananda Vatsyayan के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि Sachchidananda Vatsyayan बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।Sachchidananda Vatsyayan की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि Sachchidananda Vatsyayan बहुआयामी हैं, जिस कारणवश Sachchidananda Vatsyayan की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे Sachchidananda Vatsyayan को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
Sachchidananda Vatsyayan वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Sachchidananda Vatsyayan से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Sachchidananda Vatsyayan की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Sachchidananda Vatsyayan को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Sachchidananda Vatsyayan की सहायता करती है। Sachchidananda Vatsyayan के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Sachchidananda Vatsyayan लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Sachchidananda Vatsyayan स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Sachchidananda Vatsyayan की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Sachchidananda Vatsyayan का ज्ञान और Sachchidananda Vatsyayan की शिक्षा। चाहे Sachchidananda Vatsyayan अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Sachchidananda Vatsyayan की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Sachchidananda Vatsyayan को सबसे अलग रखेगी। Sachchidananda Vatsyayan को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Sachchidananda Vatsyayan अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Sachchidananda Vatsyayan के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Sachchidananda Vatsyayan को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Sachchidananda Vatsyayan की भूख Sachchidananda Vatsyayan को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Sachchidananda Vatsyayan की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Sachchidananda Vatsyayan अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Sachchidananda Vatsyayan की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Sachchidananda Vatsyayan दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण Sachchidananda Vatsyayan विरोध के पात्र बन जाते हैं। Sachchidananda Vatsyayan के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप Sachchidananda Vatsyayan लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।