सचिन पायलट
Sep 7, 1977
12:00:00
Saharanpur
77 E 33
29 N 58
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
सचिन पायलट एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, सचिन पायलट की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। सचिन पायलट अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण सचिन पायलट में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण सचिन पायलट जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।सचिन पायलट संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि सचिन पायलट को पता लगे कि सचिन पायलट का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो सचिन पायलट तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।सचिन पायलट के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि सचिन पायलट के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। सचिन पायलट के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि सचिन पायलट सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु सचिन पायलट अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः सचिन पायलट को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। सचिन पायलट को यह मानकर चलना चाहिए कि सचिन पायलट को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।सचिन पायलट वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। सचिन पायलट सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। सचिन पायलट के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह सचिन पायलट को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन सचिन पायलट को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
सचिन पायलट को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और सचिन पायलट को अधिक की उम्मीद रहती है। सचिन पायलट के इतने परेशान रहने के कारण सचिन पायलट को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। सचिन पायलट बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में सचिन पायलट परेशानी महसूस करते हैं। यदि सचिन पायलट अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।सचिन पायलट एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना सचिन पायलट को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव सचिन पायलट की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण सचिन पायलट की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही सचिन पायलट शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। सचिन पायलट के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और सचिन पायलट की कल्पनाशीलता सचिन पायलट को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि सचिन पायलट को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब सचिन पायलट अध्ययन करने बैठें तो सचिन पायलट को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और सचिन पायलट की स्मरण शक्ति भी सचिन पायलट की मदद करे। यदि सचिन पायलट मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, सचिन पायलट अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
सचिन पायलट अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से सचिन पायलट को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो सचिन पायलट उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। सचिन पायलट का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही सचिन पायलट के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।