सर्वपल्ली राधाकृष्णन
Sep 05, 1888
13:41:27
Turittani
79 E 38
13 N 11
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग सर्वपल्ली राधाकृष्णन के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अच्छे मित्र होते हैं।सर्वपल्ली राधाकृष्णन उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये सर्वपल्ली राधाकृष्णन समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।सर्वपल्ली राधाकृष्णन जनता के समक्ष अपने सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनेक मित्र हैं और सर्वपल्ली राधाकृष्णन उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ऊपर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।सर्वपल्ली राधाकृष्णन की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुआयामी हैं, जिस कारणवश सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अधिक की उम्मीद रहती है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के इतने परेशान रहने के कारण सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में सर्वपल्ली राधाकृष्णन परेशानी महसूस करते हैं। यदि सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना सर्वपल्ली राधाकृष्णन को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और सर्वपल्ली राधाकृष्णन की कल्पनाशीलता सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन अध्ययन करने बैठें तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मरण शक्ति भी सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मदद करे। यदि सर्वपल्ली राधाकृष्णन मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि सर्वपल्ली राधाकृष्णन मंचपर हों तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।