सौगाता रॉय
Aug 6, 1947
12:00:00
Shillong
91 E 53
25 N 35
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Saugata Roy एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Saugata Roy की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Saugata Roy अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Saugata Roy में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Saugata Roy जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Saugata Roy संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Saugata Roy को पता लगे कि Saugata Roy का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Saugata Roy तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Saugata Roy के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Saugata Roy के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Saugata Roy के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Saugata Roy सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Saugata Roy अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Saugata Roy को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Saugata Roy को यह मानकर चलना चाहिए कि Saugata Roy को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Saugata Roy वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Saugata Roy सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Saugata Roy के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Saugata Roy को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Saugata Roy को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Saugata Roy को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Saugata Roy को अधिक की उम्मीद रहती है। Saugata Roy के इतने परेशान रहने के कारण Saugata Roy को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Saugata Roy बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Saugata Roy परेशानी महसूस करते हैं। यदि Saugata Roy अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Saugata Roy एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Saugata Roy को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Saugata Roy की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Saugata Roy की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Saugata Roy शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Saugata Roy के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Saugata Roy की कल्पनाशीलता Saugata Roy को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Saugata Roy को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Saugata Roy अध्ययन करने बैठें तो Saugata Roy को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Saugata Roy की स्मरण शक्ति भी Saugata Roy की मदद करे। यदि Saugata Roy मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Saugata Roy अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Saugata Roy की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि Saugata Roy को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु Saugata Roy का ऐसा सोचना सही नहीे है, Saugata Roy उस दिशा में तभी जाएं यदि Saugata Roy को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।