शिवेंद्र सिंह
Jun 9, 1983
12:00:00
Gwalior
78 E 9
26 N 12
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Shivendra Singh एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Shivendra Singh की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Shivendra Singh अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Shivendra Singh में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Shivendra Singh जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Shivendra Singh संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Shivendra Singh को पता लगे कि Shivendra Singh का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Shivendra Singh तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Shivendra Singh के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Shivendra Singh के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Shivendra Singh के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Shivendra Singh सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Shivendra Singh अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Shivendra Singh को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Shivendra Singh को यह मानकर चलना चाहिए कि Shivendra Singh को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Shivendra Singh वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Shivendra Singh सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Shivendra Singh के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Shivendra Singh को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Shivendra Singh को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Shivendra Singh को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Shivendra Singh को अधिक की उम्मीद रहती है। Shivendra Singh के इतने परेशान रहने के कारण Shivendra Singh को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Shivendra Singh बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Shivendra Singh परेशानी महसूस करते हैं। यदि Shivendra Singh अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Shivendra Singh एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Shivendra Singh को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Shivendra Singh की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Shivendra Singh की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Shivendra Singh शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Shivendra Singh के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Shivendra Singh की कल्पनाशीलता Shivendra Singh को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Shivendra Singh को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Shivendra Singh अध्ययन करने बैठें तो Shivendra Singh को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Shivendra Singh की स्मरण शक्ति भी Shivendra Singh की मदद करे। यदि Shivendra Singh मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Shivendra Singh अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Shivendra Singh स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो Shivendra Singh कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि Shivendra Singh मंचपर हों तो Shivendra Singh अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।