स्वामी राम तीर्थ
Oct 22, 1873
16:40:00
Gujranwala
74 E 12
32 N 10
5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
स्वामी राम तीर्थ एक रहस्यमय व्यक्तित्व के स्वामी हैं। स्वामी राम तीर्थ अपने स्वामी राम तीर्थ को जानने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। स्वामी राम तीर्थ अपने साधारण स्वभाव से पूर्णतः विपरीत व्यवहार करने की क्षमता रखते हैं।स्वामी राम तीर्थ के अन्दर एक अद्भुत आकर्षण-शक्ति है और इसका प्रयोग स्वामी राम तीर्थ अच्छे या बुरे, दोनों तरह के कामों के लिये कर सकते हैं। स्वामी राम तीर्थ इसे कैसे करते हैं यह पूर्णतः स्वामी राम तीर्थ की इच्छा पर निर्भर करता है। भाग्यवश स्वामी राम तीर्थ स्वयं को अच्छा करने के लिये नियंत्रित कर सकते हैं और परिणामस्वरूप स्वामी राम तीर्थ की इस आकर्षण शक्ति का दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।स्वामी राम तीर्थ व्यापक दिलोदिमाग के व्यक्ति हैं। स्वामी राम तीर्थ दूसरों की मदद करने के लिये सदैव तत्पर रहते हैं। स्वामी राम तीर्थ खुशहाली की महत्ता को समझते हैं और उसे प्राप्त करना भी जानते हैं परन्तु स्वामी राम तीर्थ दूसरों की कीमत पर खुशहाली कभी भी प्राप्त नहीं करते हैं। निश्चय ही स्वामी राम तीर्थ दूसरों की खुशी को प्राथमिकता देते हैं।स्वामी राम तीर्थ एक सहानुभूतिपूर्ण, परिश्रमी, उदार एवं दोस्ताना मिजाज व्यक्ति हैं लेकिन स्वामी राम तीर्थ शीध्र ही क्रोधित हो जाते हैं। जब स्वामी राम तीर्थ क्रुद्ध होते हैं तो स्वामी राम तीर्थ पूर्णतः आत्मनियंत्रण खो देते हैं और ऐसे काम कर बैठते हैं जिसके लिये बाद में स्वामी राम तीर्थ को पछताना पड़ता है। अतः स्वामी राम तीर्थ को स्वयं पर बेहतर नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिये।
स्वामी राम तीर्थ आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि स्वामी राम तीर्थ में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। स्वामी राम तीर्थ बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। स्वामी राम तीर्थ ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि स्वामी राम तीर्थ को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही स्वामी राम तीर्थ के सुख का प्रमुख कारण भी है।स्वामी राम तीर्थ अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर स्वामी राम तीर्थ की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो स्वामी राम तीर्थ को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। स्वामी राम तीर्थ को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि स्वामी राम तीर्थ विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर स्वामी राम तीर्थ बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। स्वामी राम तीर्थ को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण स्वामी राम तीर्थ की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि स्वामी राम तीर्थ की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां स्वामी राम तीर्थ के विपरीत होंगी और स्वामी राम तीर्थ को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए स्वामी राम तीर्थ को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
स्वामी राम तीर्थ अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से स्वामी राम तीर्थ को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो स्वामी राम तीर्थ उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। स्वामी राम तीर्थ का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही स्वामी राम तीर्थ के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।