स्वामी विवेकानंद
Jan 12, 1863
6:20:00
Calcutta
88 E 20
22 N 30
5.5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
Swami Vivekananda एक ऊर्जावान व्यक्ति हैं और तब तक संतुष्ट नहीं होते जब तक क्रियाशील न हों। Swami Vivekananda मानसिक एवं शारीरिक रूप से शक्तिशाली एवं काम के लिये उत्साह से भरपूर हैं। Swami Vivekananda के अन्दर असीम साहस है एवं यह सभी गुण Swami Vivekananda के जीवन को बहुआयामी बनाते हैं। Swami Vivekananda एक जगह ही सिर्फ इसलिये ही नहीं रुक सकते क्योंकि Swami Vivekananda ने उस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया था। अगर Swami Vivekananda को सही लगता है तो Swami Vivekananda अपना काम, मित्र, रुचियां या कुछ भी बदलने मे नहीं हिचकिचाते। दुर्भाग्यवश Swami Vivekananda परिवर्तन के सभी पहलुओ का अध्ययन नहीं कर पाते और यह जल्दबाजी Swami Vivekananda को प्रायः मुसीबत में डालती है। फिर भी Swami Vivekananda के अन्दर साहस है, Swami Vivekananda जन्मजात रूप से मुसीबतों से लड़ने वाले हैं। यह सब मिलाकर Swami Vivekananda को अन्त में सफलता दिलाते हैं।ऐसा प्रतीत नहीं होता कि जीवन में Swami Vivekananda को असीम धन की प्राप्ति होगी परन्तु धन केवल तभी उपयोगी होता है जब वह Swami Vivekananda को सुख दिला सके और उस सुख से Swami Vivekananda जीवन का सम्पूर्ण आनन्द ले सकें।यह मानने के अनेक कारण हैं कि Swami Vivekananda जगह-जगह की सैर करेंगे और सम्भवतः अत्यधिक विश्व भ्रमण करेंगे। Swami Vivekananda को देश के विभिन्न हिस्सों में पद प्राप्त होंगे। Swami Vivekananda को अपने व्यवसाय के कारण भ्रमण अधिक करना पड़ेगा।हमारी सलाह है कि Swami Vivekananda को अपने अन्दर धैर्य विकसित करने का प्रयास करना चाहिये और Swami Vivekananda को किसी भी नये व्यवसाय को प्रारम्भ करने से पहले उस पर होने वाले खर्च का पूरा अध्ययन कर लेना चाहिये। यह कुछ छोटी बातें है परन्तु Swami Vivekananda की सफलता को खराब कर सकते हैं। साथ ही, परिवर्तन से बचें खासकर की 35 की उम्र के बाद।
Swami Vivekananda की भावनाएं और विचार सुसामंजस्यपूर्ण हैं, जो कि वास्तविकता पर Swami Vivekananda की पकड़ मजबूत बनाते हैं। Swami Vivekananda बहुत व्यावहारिक हैं, स्वयं को समझ सकते हैं एवं Swami Vivekananda जो कहना चाहते हैं, युक्तिपूर्ण तरीके से कह सकते हैं। Swami Vivekananda अपनी अन्तः प्रकृति में झांककर अपने अन्दर छुपे असंतोष के कारण को देख सकते हैं व उसे व्यक्त भी कर सकते हैं। हांलाकि Swami Vivekananda व्यर्थ की चिंता करते हैं, इधर-उधर की बातों में समय नष्ट करते हैं और स्वयं के लिये भी दूसरों के समान ही आलोचक होते हैं।Swami Vivekananda एक मेहनती और कुशाग्र बुद्धि के स्वामी हैं और Swami Vivekananda जो प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए Swami Vivekananda परिश्रम करेंगे और किसी भी हद तक मेहनत कर सकते हैं। Swami Vivekananda की तीव्र बुद्धि Swami Vivekananda को अपने क्षेत्र में सबसे आगे रखेगी और मेहनत के कारण Swami Vivekananda हर विषय में पारंगत हो जाएंगे। Swami Vivekananda को शास्त्रों में भी रुचि होगी और जीवन की सच्चाई से जुड़े विषय भी Swami Vivekananda को अपनी ओर खींचेंगे। Swami Vivekananda अपने जीवन में सभी सुखों को प्राप्त कर एक अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हैं और Swami Vivekananda जानते हैं कि उसके लिए क्या-क्या आवश्यक है। इसी वजह से Swami Vivekananda अपनी शिक्षा को ही बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे और Swami Vivekananda की मेहनत Swami Vivekananda को आगे बढ़ाएगी। कभी-कभी Swami Vivekananda क्रोध में आकर अपना ही नुकसान कर बैठते हैं, शिक्षा के मामले में Swami Vivekananda को इससे बचकर रहना होगा क्योंकि एकाग्रता खोने के कारण Swami Vivekananda को समस्या हो सकती है। हालांकि Swami Vivekananda का तेज दिमाग Swami Vivekananda को सिरमौर बनाएगा।
Swami Vivekananda की सफलता में Swami Vivekananda के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए Swami Vivekananda अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।