थावरचंद गहलोत
May 18, 1948
12:00:00
Ujjain
75 E 50
23 N 11
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
थावरचंद गेहलोत क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। थावरचंद गेहलोत हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। थावरचंद गेहलोत के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव थावरचंद गेहलोत के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल थावरचंद गेहलोत अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। थावरचंद गेहलोत के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।थावरचंद गेहलोत मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। थावरचंद गेहलोत नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। थावरचंद गेहलोत संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि थावरचंद गेहलोत ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। थावरचंद गेहलोत अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ थावरचंद गेहलोत का व्यवहार थावरचंद गेहलोत की सबसे बड़ी कमजोरी है। थावरचंद गेहलोत अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग थावरचंद गेहलोत की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, थावरचंद गेहलोत उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। थावरचंद गेहलोत को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे थावरचंद गेहलोत प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण थावरचंद गेहलोत अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। थावरचंद गेहलोत व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में थावरचंद गेहलोत ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और थावरचंद गेहलोत को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।थावरचंद गेहलोत के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से थावरचंद गेहलोत किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि थावरचंद गेहलोत उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी थावरचंद गेहलोत को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। थावरचंद गेहलोत अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना थावरचंद गेहलोत को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर थावरचंद गेहलोत अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है थावरचंद गेहलोत को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से थावरचंद गेहलोत की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण थावरचंद गेहलोत अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार थावरचंद गेहलोत को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना थावरचंद गेहलोत उम्मीद करते हैं, लेकिन थावरचंद गेहलोत के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही थावरचंद गेहलोत को जीवन में सफल बनाएगी।
थावरचंद गेहलोत इस बात का अत्यन्त ध्यान रखते हैं कि अन्य लोग थावरचंद गेहलोत की बौद्धिक क्षमता का सम्मान किस तरह करते हैं और थावरचंद गेहलोत सम्मान पाने की दिशा में ही प्रयास करते हैं।