तुकाराम संत
Jan 22, 1607
10:00:00
Dehu
73 E 51
18 N 35
5.5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
तुकाराम संत क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। तुकाराम संत हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। तुकाराम संत के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव तुकाराम संत के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल तुकाराम संत अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। तुकाराम संत के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।तुकाराम संत मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। तुकाराम संत नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। तुकाराम संत संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि तुकाराम संत ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। तुकाराम संत अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ तुकाराम संत का व्यवहार तुकाराम संत की सबसे बड़ी कमजोरी है। तुकाराम संत अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग तुकाराम संत की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, तुकाराम संत उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। तुकाराम संत को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे तुकाराम संत प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण तुकाराम संत अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। तुकाराम संत व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में तुकाराम संत ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और तुकाराम संत को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।तुकाराम संत के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से तुकाराम संत किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि तुकाराम संत उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी तुकाराम संत को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। तुकाराम संत अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना तुकाराम संत को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर तुकाराम संत अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है तुकाराम संत को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से तुकाराम संत की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण तुकाराम संत अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार तुकाराम संत को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना तुकाराम संत उम्मीद करते हैं, लेकिन तुकाराम संत के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही तुकाराम संत को जीवन में सफल बनाएगी।
तुकाराम संत अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से तुकाराम संत को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो तुकाराम संत उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। तुकाराम संत का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही तुकाराम संत के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।