त्यागराज
May 4, 1767
12:46:32
Tiruvarur
79 E 37
10 N 45
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
Tyagaraja के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। Tyagaraja एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। Tyagaraja काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग Tyagaraja के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे Tyagaraja के अच्छे मित्र होते हैं।Tyagaraja उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब Tyagaraja इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो Tyagaraja इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये Tyagaraja समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, Tyagaraja जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि Tyagaraja के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।Tyagaraja जनता के समक्ष अपने Tyagaraja को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने Tyagaraja को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण Tyagaraja के अनेक मित्र हैं और Tyagaraja उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। Tyagaraja के ऊपर Tyagaraja के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि Tyagaraja बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।Tyagaraja की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि Tyagaraja बहुआयामी हैं, जिस कारणवश Tyagaraja की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे Tyagaraja को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
Tyagaraja वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Tyagaraja से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Tyagaraja की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Tyagaraja को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Tyagaraja की सहायता करती है। Tyagaraja के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Tyagaraja लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Tyagaraja स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Tyagaraja की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Tyagaraja का ज्ञान और Tyagaraja की शिक्षा। चाहे Tyagaraja अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Tyagaraja की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Tyagaraja को सबसे अलग रखेगी। Tyagaraja को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Tyagaraja अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Tyagaraja के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Tyagaraja को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Tyagaraja की भूख Tyagaraja को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Tyagaraja की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Tyagaraja अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Tyagaraja की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Tyagaraja दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण Tyagaraja विरोध के पात्र बन जाते हैं। Tyagaraja के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप Tyagaraja लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।