उमा शंकर दीक्षित
Jan 12, 1901
12:0:00
Unnao
80 E 30
26 N 32
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
उमा शंकर दीक्षित के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। उमा शंकर दीक्षित एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। उमा शंकर दीक्षित काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग उमा शंकर दीक्षित के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे उमा शंकर दीक्षित के अच्छे मित्र होते हैं।उमा शंकर दीक्षित उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब उमा शंकर दीक्षित इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो उमा शंकर दीक्षित इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये उमा शंकर दीक्षित समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, उमा शंकर दीक्षित जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि उमा शंकर दीक्षित के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।उमा शंकर दीक्षित जनता के समक्ष अपने उमा शंकर दीक्षित को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने उमा शंकर दीक्षित को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण उमा शंकर दीक्षित के अनेक मित्र हैं और उमा शंकर दीक्षित उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। उमा शंकर दीक्षित के ऊपर उमा शंकर दीक्षित के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि उमा शंकर दीक्षित बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।उमा शंकर दीक्षित की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि उमा शंकर दीक्षित बहुआयामी हैं, जिस कारणवश उमा शंकर दीक्षित की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे उमा शंकर दीक्षित को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
उमा शंकर दीक्षित वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् उमा शंकर दीक्षित से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। उमा शंकर दीक्षित की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता उमा शंकर दीक्षित को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में उमा शंकर दीक्षित की सहायता करती है। उमा शंकर दीक्षित के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।उमा शंकर दीक्षित लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। उमा शंकर दीक्षित स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में उमा शंकर दीक्षित की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी उमा शंकर दीक्षित का ज्ञान और उमा शंकर दीक्षित की शिक्षा। चाहे उमा शंकर दीक्षित अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना उमा शंकर दीक्षित की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही उमा शंकर दीक्षित को सबसे अलग रखेगी। उमा शंकर दीक्षित को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप उमा शंकर दीक्षित अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। उमा शंकर दीक्षित के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। उमा शंकर दीक्षित को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति उमा शंकर दीक्षित की भूख उमा शंकर दीक्षित को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से उमा शंकर दीक्षित की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी उमा शंकर दीक्षित अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से उमा शंकर दीक्षित की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
उमा शंकर दीक्षित की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि उमा शंकर दीक्षित को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु उमा शंकर दीक्षित का ऐसा सोचना सही नहीे है, उमा शंकर दीक्षित उस दिशा में तभी जाएं यदि उमा शंकर दीक्षित को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।