उपेंद्रनाथ अश्क
Dec 14, 1910
14:00:00
Jalandhar
75 E 34
31 N 19
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
उपेंद्रनाथ अशक के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। उपेंद्रनाथ अशक एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। उपेंद्रनाथ अशक काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग उपेंद्रनाथ अशक के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे उपेंद्रनाथ अशक के अच्छे मित्र होते हैं।उपेंद्रनाथ अशक उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब उपेंद्रनाथ अशक इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो उपेंद्रनाथ अशक इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये उपेंद्रनाथ अशक समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, उपेंद्रनाथ अशक जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि उपेंद्रनाथ अशक के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।उपेंद्रनाथ अशक जनता के समक्ष अपने उपेंद्रनाथ अशक को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने उपेंद्रनाथ अशक को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण उपेंद्रनाथ अशक के अनेक मित्र हैं और उपेंद्रनाथ अशक उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। उपेंद्रनाथ अशक के ऊपर उपेंद्रनाथ अशक के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि उपेंद्रनाथ अशक बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।उपेंद्रनाथ अशक की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि उपेंद्रनाथ अशक बहुआयामी हैं, जिस कारणवश उपेंद्रनाथ अशक की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे उपेंद्रनाथ अशक को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
उपेंद्रनाथ अशक को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और उपेंद्रनाथ अशक को अधिक की उम्मीद रहती है। उपेंद्रनाथ अशक के इतने परेशान रहने के कारण उपेंद्रनाथ अशक को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। उपेंद्रनाथ अशक बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में उपेंद्रनाथ अशक परेशानी महसूस करते हैं। यदि उपेंद्रनाथ अशक अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।उपेंद्रनाथ अशक एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना उपेंद्रनाथ अशक को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव उपेंद्रनाथ अशक की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण उपेंद्रनाथ अशक की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही उपेंद्रनाथ अशक शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उपेंद्रनाथ अशक के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और उपेंद्रनाथ अशक की कल्पनाशीलता उपेंद्रनाथ अशक को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि उपेंद्रनाथ अशक को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब उपेंद्रनाथ अशक अध्ययन करने बैठें तो उपेंद्रनाथ अशक को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और उपेंद्रनाथ अशक की स्मरण शक्ति भी उपेंद्रनाथ अशक की मदद करे। यदि उपेंद्रनाथ अशक मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, उपेंद्रनाथ अशक अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
उपेंद्रनाथ अशक को ऐसा लगता है कि जब उपेंद्रनाथ अशक के पास धन और भौतिक ऐश्वर्य होगा तभी लोग उपेंद्रनाथ अशक का सम्मान करेंगे। किन्तु यह सत्य नहीं है, अतः उपेंद्रनाथ अशक वही कार्य करें जो उपेंद्रनाथ अशक करना चाहते हैं।