वी. वी. गिरि
Aug 10, 1894
10:45:00
Berhampur
84 E 51
19 N 21
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
V. V. Giri एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, V. V. Giri की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। V. V. Giri अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण V. V. Giri में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण V. V. Giri जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।V. V. Giri संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि V. V. Giri को पता लगे कि V. V. Giri का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो V. V. Giri तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।V. V. Giri के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि V. V. Giri के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। V. V. Giri के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि V. V. Giri सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु V. V. Giri अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः V. V. Giri को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। V. V. Giri को यह मानकर चलना चाहिए कि V. V. Giri को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।V. V. Giri वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। V. V. Giri सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। V. V. Giri के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह V. V. Giri को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन V. V. Giri को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
V. V. Giri को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और V. V. Giri को अधिक की उम्मीद रहती है। V. V. Giri के इतने परेशान रहने के कारण V. V. Giri को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। V. V. Giri बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में V. V. Giri परेशानी महसूस करते हैं। यदि V. V. Giri अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।V. V. Giri एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना V. V. Giri को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव V. V. Giri की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण V. V. Giri की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही V. V. Giri शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। V. V. Giri के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और V. V. Giri की कल्पनाशीलता V. V. Giri को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि V. V. Giri को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब V. V. Giri अध्ययन करने बैठें तो V. V. Giri को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और V. V. Giri की स्मरण शक्ति भी V. V. Giri की मदद करे। यदि V. V. Giri मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, V. V. Giri अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
V. V. Giri को ऐसा लगता है कि जब V. V. Giri के पास धन और भौतिक ऐश्वर्य होगा तभी लोग V. V. Giri का सम्मान करेंगे। किन्तु यह सत्य नहीं है, अतः V. V. Giri वही कार्य करें जो V. V. Giri करना चाहते हैं।