विक्टर बनर्जी
Oct 15, 1946
12:0:0
Calcutta
88 E 20
22 N 30
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
व्हिक्टर बनर्जी एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, व्हिक्टर बनर्जी की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। व्हिक्टर बनर्जी अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण व्हिक्टर बनर्जी में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण व्हिक्टर बनर्जी जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।व्हिक्टर बनर्जी संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि व्हिक्टर बनर्जी को पता लगे कि व्हिक्टर बनर्जी का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो व्हिक्टर बनर्जी तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।व्हिक्टर बनर्जी के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि व्हिक्टर बनर्जी के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। व्हिक्टर बनर्जी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि व्हिक्टर बनर्जी सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु व्हिक्टर बनर्जी अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः व्हिक्टर बनर्जी को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। व्हिक्टर बनर्जी को यह मानकर चलना चाहिए कि व्हिक्टर बनर्जी को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।व्हिक्टर बनर्जी वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। व्हिक्टर बनर्जी सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। व्हिक्टर बनर्जी के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह व्हिक्टर बनर्जी को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन व्हिक्टर बनर्जी को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण व्हिक्टर बनर्जी अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। व्हिक्टर बनर्जी व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में व्हिक्टर बनर्जी ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और व्हिक्टर बनर्जी को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।व्हिक्टर बनर्जी के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से व्हिक्टर बनर्जी किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि व्हिक्टर बनर्जी उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी व्हिक्टर बनर्जी को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। व्हिक्टर बनर्जी अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना व्हिक्टर बनर्जी को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर व्हिक्टर बनर्जी अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है व्हिक्टर बनर्जी को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से व्हिक्टर बनर्जी की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण व्हिक्टर बनर्जी अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार व्हिक्टर बनर्जी को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना व्हिक्टर बनर्जी उम्मीद करते हैं, लेकिन व्हिक्टर बनर्जी के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही व्हिक्टर बनर्जी को जीवन में सफल बनाएगी।
व्हिक्टर बनर्जी की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि व्हिक्टर बनर्जी को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु व्हिक्टर बनर्जी का ऐसा सोचना सही नहीे है, व्हिक्टर बनर्जी उस दिशा में तभी जाएं यदि व्हिक्टर बनर्जी को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।