वीर दास
May 31, 1979
12:0:0
Dehradun
78 E 3
30 N 19
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Vir Das एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Vir Das की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Vir Das अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Vir Das में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Vir Das जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Vir Das संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Vir Das को पता लगे कि Vir Das का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Vir Das तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Vir Das के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Vir Das के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Vir Das के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Vir Das सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Vir Das अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Vir Das को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Vir Das को यह मानकर चलना चाहिए कि Vir Das को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Vir Das वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Vir Das सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Vir Das के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Vir Das को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Vir Das को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Vir Das को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Vir Das को अधिक की उम्मीद रहती है। Vir Das के इतने परेशान रहने के कारण Vir Das को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Vir Das बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Vir Das परेशानी महसूस करते हैं। यदि Vir Das अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Vir Das एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Vir Das को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Vir Das की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Vir Das की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Vir Das शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Vir Das के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Vir Das की कल्पनाशीलता Vir Das को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Vir Das को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Vir Das अध्ययन करने बैठें तो Vir Das को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Vir Das की स्मरण शक्ति भी Vir Das की मदद करे। यदि Vir Das मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Vir Das अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Vir Das दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण Vir Das विरोध के पात्र बन जाते हैं। Vir Das के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप Vir Das लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।