वीरभद्र सिंह
Jun 23, 1934
12:00:00
Sarahan
77 E 32
31 N 33
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Virbhadra Singh एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Virbhadra Singh की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Virbhadra Singh अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Virbhadra Singh में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Virbhadra Singh जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Virbhadra Singh संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Virbhadra Singh को पता लगे कि Virbhadra Singh का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Virbhadra Singh तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Virbhadra Singh के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Virbhadra Singh के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Virbhadra Singh के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Virbhadra Singh सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Virbhadra Singh अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Virbhadra Singh को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Virbhadra Singh को यह मानकर चलना चाहिए कि Virbhadra Singh को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Virbhadra Singh वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Virbhadra Singh सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Virbhadra Singh के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Virbhadra Singh को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Virbhadra Singh को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण Virbhadra Singh अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। Virbhadra Singh व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में Virbhadra Singh ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और Virbhadra Singh को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।Virbhadra Singh के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से Virbhadra Singh किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि Virbhadra Singh उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी Virbhadra Singh को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। Virbhadra Singh अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना Virbhadra Singh को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर Virbhadra Singh अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है Virbhadra Singh को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से Virbhadra Singh की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण Virbhadra Singh अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार Virbhadra Singh को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना Virbhadra Singh उम्मीद करते हैं, लेकिन Virbhadra Singh के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही Virbhadra Singh को जीवन में सफल बनाएगी।
Virbhadra Singh को ऐसा लगता है कि जब Virbhadra Singh के पास धन और भौतिक ऐश्वर्य होगा तभी लोग Virbhadra Singh का सम्मान करेंगे। किन्तु यह सत्य नहीं है, अतः Virbhadra Singh वही कार्य करें जो Virbhadra Singh करना चाहते हैं।