विष्णुवर्धन
Sep 18, 1950
12:0:0
Mysore
76 E 37
12 N 18
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Vishnuvardhan क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। Vishnuvardhan हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। Vishnuvardhan के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव Vishnuvardhan के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल Vishnuvardhan अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। Vishnuvardhan के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।Vishnuvardhan मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। Vishnuvardhan नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। Vishnuvardhan संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि Vishnuvardhan ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। Vishnuvardhan अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ Vishnuvardhan का व्यवहार Vishnuvardhan की सबसे बड़ी कमजोरी है। Vishnuvardhan अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग Vishnuvardhan की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, Vishnuvardhan उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। Vishnuvardhan को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे Vishnuvardhan प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
Vishnuvardhan को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Vishnuvardhan को अधिक की उम्मीद रहती है। Vishnuvardhan के इतने परेशान रहने के कारण Vishnuvardhan को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Vishnuvardhan बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Vishnuvardhan परेशानी महसूस करते हैं। यदि Vishnuvardhan अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Vishnuvardhan एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Vishnuvardhan को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Vishnuvardhan की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Vishnuvardhan की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Vishnuvardhan शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Vishnuvardhan के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Vishnuvardhan की कल्पनाशीलता Vishnuvardhan को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Vishnuvardhan को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Vishnuvardhan अध्ययन करने बैठें तो Vishnuvardhan को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Vishnuvardhan की स्मरण शक्ति भी Vishnuvardhan की मदद करे। यदि Vishnuvardhan मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Vishnuvardhan अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Vishnuvardhan अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अन्तर्मुखी हैं। यदि Vishnuvardhan को बहुत से लोगों के समूह के सम्मुख जाना पड़े, तो Vishnuvardhan ‘स्टेज फोबिया’ से ग्रसित हो जाते हैं। Vishnuvardhan सबसे अधिक प्रेरित एकान्त में, इच्छानुसार कार्य अपनी गति से करने में होते हैं।