यशवंतराव चव्हाण
Mar 12, 1913
18:30:0
Devrashtre
74 E 21
17 N 10
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
यशवंतराव चव्हाण सौन्दर्य-प्रेमी हैं, चाहे वह कला, दर्शनीयस्थल या आकर्षक व्यक्ति ही क्यों न हो। यशवंतराव चव्हाण केवल बाह्य सौन्दर्य ही नहीं,अपितु आन्तरिक सौन्दर्य के प्रति भी आकर्षित होते हैं। अच्छा संगीत यशवंतराव चव्हाण को पसन्द आता है, किसी व्यक्ति का सच्चरित्र यशवंतराव चव्हाण को पसन्द आता है। यशवंतराव चव्हाण सामान्य से ऊपर प्रत्येक वस्तुओं के पारखी हैं।दूसरों को खुश करने की यशवंतराव चव्हाण के अन्दर नैसर्गिक क्षमता है। यशवंतराव चव्हाण परेशान लोेगों को सान्त्वना देना अच्छी तरह से जानते हैं और यशवंतराव चव्हाण जानते हैं कि लोगों को अपने यशवंतराव चव्हाण से खुश कैसे रखा जाये। यह एक विरला गुण हैं एवं इस कारण संसार में यशवंतराव चव्हाण जैसे व्यक्ति कम ही हैं।यशवंतराव चव्हाण अन्य लोगों जितने व्यावहारिक नहीं है और यशवंतराव चव्हाण समय के भी पाबन्द नहीं हैं।यशवंतराव चव्हाण आवश्यकता से अधिक संवेदनशील और जो कि यशवंतराव चव्हाण को कभी-कभी परेशानी में डाल देती है परन्तु यशवंतराव चव्हाण की खिन्नता लड़ाई-झगड़े के रूप में बाहर नहीं आती है। असामंजस्य से यशवंतराव चव्हाण हर कीमत पर दूर रहते हैं। सम्भवतः यशवंतराव चव्हाण अपने मन से दुःख को दूर रखते हैं।
यशवंतराव चव्हाण आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि यशवंतराव चव्हाण में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। यशवंतराव चव्हाण बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। यशवंतराव चव्हाण ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि यशवंतराव चव्हाण को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही यशवंतराव चव्हाण के सुख का प्रमुख कारण भी है।यशवंतराव चव्हाण अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर यशवंतराव चव्हाण की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो यशवंतराव चव्हाण को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। यशवंतराव चव्हाण को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि यशवंतराव चव्हाण विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर यशवंतराव चव्हाण बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। यशवंतराव चव्हाण को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण यशवंतराव चव्हाण की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि यशवंतराव चव्हाण की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां यशवंतराव चव्हाण के विपरीत होंगी और यशवंतराव चव्हाण को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए यशवंतराव चव्हाण को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
यशवंतराव चव्हाण स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो यशवंतराव चव्हाण कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि यशवंतराव चव्हाण मंचपर हों तो यशवंतराव चव्हाण अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।