आहुति प्रसाद
Jan 2, 1958
12:00:00
Koduru
78 E 8
14 N 53
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
चूंकि आहुति प्रसाद के लिये एक नौकरी में ज्यादा देर तक रुके रहना मुश्किल है, आहुति प्रसाद का ऐसे कार्यक्षेत्र चुनने चाहिये जहां आहुति प्रसाद को सदैव ही नए-नए लोगों से मिलना पड़े जैसे ‘सेल्समैनशिप‘। आहुति प्रसाद की नौकरी ध् व्यवसाय इस प्रकार का होना चाहिये जो स्थान परिवर्तन देता हो ताकि आहुति प्रसाद नित नये वातावरण में जाएं और नये-नये लोगों से मिलें।
आहुति प्रसाद जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो आहुति प्रसाद बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः आहुति प्रसाद को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। आहुति प्रसाद को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें आहुति प्रसाद को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि आहुति प्रसाद स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र आहुति प्रसाद को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें आहुति प्रसाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो आहुति प्रसाद के अनुकूल भी है। आहुति प्रसाद के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि आहुति प्रसाद को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय आहुति प्रसाद नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
वित्त का प्रश्न आहुति प्रसाद के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। आहुति प्रसाद के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन आहुति प्रसाद अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। आहुति प्रसाद कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। आहुति प्रसाद को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में आहुति प्रसाद के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। आहुति प्रसाद के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। आहुति प्रसाद असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, आहुति प्रसाद एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में आहुति प्रसाद भाग्यशाली होंगे। आहुति प्रसाद के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार आहुति प्रसाद अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।