अखंड सिंह
Jul 30, 1990
12:00:00
Varanasi
83 E 0
25 N 20
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
अखंड सिंह कभी भी मित्रों को नहीं भूलते। परिणामस्वरूप,अखंड सिंह की एक बड़ी मित्र मण्डली है, जिसमें से कई विदेशी भाषा बोलने में सक्षम हैं। इसी बड़े मित्र समूह से अखंड सिंह अपना जीवनसाथी चुनेंगे। अखंड सिंह की यह पसन्द अखंड सिंह के परिचितों को आश्चर्यचकित कर देगी। अखंड सिंह अरामपूर्वक विवाह करेंगे, लेकिन अन्य लोगों की तरह विवाह अखंड सिंह के लिये सब कुछ नहीं होगा। अन्य कई विचलन ऐसे भी होंगे, जो अखंड सिंह का ध्यान घर से हटाएंगे। यदि अखंड सिंह का जीवनसाथी इस झुकाव को कम करने का प्रयत्न करेगा, तो यह अखंड सिंह के पारिवारिक जीवन के लिये खतरा साबित हो सकता है।
अखंड सिंह की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन अखंड सिंह स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण अखंड सिंह की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। अखंड सिंह अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, अखंड सिंह जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें अखंड सिंह की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो अखंड सिंह खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
अखंड सिंह के कई शौक हैं और अखंड सिंह इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही अखंड सिंह धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर अखंड सिंह कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। अखंड सिंह जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः अखंड सिंह की अभिरुचियां अखंड सिंह को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही अखंड सिंह को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।