अमित वर्मा
Oct 6, 1978
12:00:00
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
अमित वर्मा के अन्दर विषय की गहराइयों को समझने की क्षमता है और अमित वर्मा को उसी दिशा में कार्यक्षेत्र का चयन करना चाहिये। ये प्रोजेक्ट अपने अमित वर्मा में पूर्ण होने चाहिये और उसे खत्म करने की कोई समय-सीमा या दवाब नहीें होनी चाहिये। उदाहरणार्थ, यदि अमित वर्मा ‘इंटीरियर डीजाइन‘ को अपना कार्यक्षेत्र बनाते हैं, तो अमित वर्मा के उपभोक्ताओं के पास प्रचुर धन होना चाहिये ताकि अमित वर्मा अपना कार्य उत्तम तरीके से कर सकें।
अमित वर्मा जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो अमित वर्मा बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः अमित वर्मा को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। अमित वर्मा को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें अमित वर्मा को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि अमित वर्मा स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र अमित वर्मा को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें अमित वर्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो अमित वर्मा के अनुकूल भी है। अमित वर्मा के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि अमित वर्मा को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय अमित वर्मा नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
वित्त का प्रश्न अमित वर्मा के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। अमित वर्मा के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन अमित वर्मा अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। अमित वर्मा कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। अमित वर्मा को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में अमित वर्मा के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। अमित वर्मा के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। अमित वर्मा असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, अमित वर्मा एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में अमित वर्मा भाग्यशाली होंगे। अमित वर्मा के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार अमित वर्मा अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।