बरुन सोबती
Aug 21, 1984
12:00:00
Delhi
77 E 13
28 N 39
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
बरुन सोबती के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः बरुन सोबती विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, बरुन सोबती प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस बरुन सोबती के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति बरुन सोबती का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार बरुन सोबती विवाह बन्धन में बंध गये, तो बरुन सोबती इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
बरुन सोबती के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, बरुन सोबती स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर बरुन सोबती जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र बरुन सोबती के शरीर का ऐसा भाग है, जो बरुन सोबती को सर्वाधिक परेशानी देगा। बरुन सोबती को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। बरुन सोबती को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी बरुन सोबती को यह सलाह है कि बरुन सोबती पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। बरुन सोबती की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण बरुन सोबती जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगरबरुन सोबती युवा-मण्डली में रहते हैं, तो बरुन सोबती कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
बरुन सोबती के कई शौक हैं और बरुन सोबती इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही बरुन सोबती धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर बरुन सोबती कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। बरुन सोबती जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः बरुन सोबती की अभिरुचियां बरुन सोबती को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही बरुन सोबती को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।