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भगवान दादा शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम भगवान दादा
जन्म तिथि 1 : 8 : 1913 जन्म समय 12 : 0 : 0
जन्म स्थान Amravati
लिंग पुरुष तिथि चतुर्दशी
राशि मिथुन नक्षत्र पुनर्वसु
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती वृषभ 05/08/1912 06/20/1914 उदय
2 साढ़े साती मिथुन 06/21/1914 08/01/1916 शिखर
3 साढ़े साती कर्क 08/02/1916 09/17/1918 अस्त
4 साढ़े साती कर्क 03/15/1919 06/02/1919 अस्त
5 छोटी पनौती कन्या 11/17/1920 02/23/1921
6 छोटी पनौती कन्या 08/09/1921 10/15/1923
7 छोटी पनौती मकर 04/12/1931 05/25/1931
8 छोटी पनौती मकर 12/25/1931 03/15/1934
9 छोटी पनौती मकर 09/14/1934 12/07/1934
10 साढ़े साती वृषभ 06/19/1941 12/14/1941 उदय
11 साढ़े साती वृषभ 03/04/1942 08/05/1943 उदय
12 साढ़े साती मिथुन 08/06/1943 12/16/1943 शिखर
13 साढ़े साती वृषभ 12/17/1943 04/23/1944 उदय
14 साढ़े साती मिथुन 04/24/1944 09/22/1945 शिखर
15 साढ़े साती कर्क 09/23/1945 12/21/1945 अस्त
16 साढ़े साती मिथुन 12/22/1945 06/08/1946 शिखर
17 साढ़े साती कर्क 06/09/1946 07/26/1948 अस्त
18 छोटी पनौती कन्या 09/20/1950 11/25/1952
19 छोटी पनौती कन्या 04/24/1953 08/20/1953
20 छोटी पनौती मकर 02/02/1961 09/17/1961
21 छोटी पनौती मकर 10/08/1961 01/27/1964
22 साढ़े साती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973 उदय
23 साढ़े साती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975 शिखर
24 साढ़े साती कर्क 07/24/1975 09/06/1977 अस्त
25 छोटी पनौती कन्या 11/04/1979 03/14/1980
26 छोटी पनौती कन्या 07/27/1980 10/05/1982
27 छोटी पनौती मकर 03/21/1990 06/20/1990
28 छोटी पनौती मकर 12/15/1990 03/05/1993
29 छोटी पनौती मकर 10/16/1993 11/09/1993
30 साढ़े साती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002 उदय
31 साढ़े साती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003 शिखर
32 साढ़े साती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003 उदय
33 साढ़े साती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004 शिखर
34 साढ़े साती कर्क 09/06/2004 01/13/2005 अस्त
35 साढ़े साती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005 शिखर
36 साढ़े साती कर्क 05/26/2005 10/31/2006 अस्त
37 साढ़े साती कर्क 01/11/2007 07/15/2007 अस्त
38 छोटी पनौती कन्या 09/10/2009 11/14/2011
39 छोटी पनौती कन्या 05/16/2012 08/03/2012
40 छोटी पनौती मकर 01/24/2020 04/28/2022
41 छोटी पनौती मकर 07/13/2022 01/17/2023
42 साढ़े साती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029 उदय
43 साढ़े साती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032 उदय

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में भगवान दादा को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे भगवान दादा के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी भगवान दादा को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। भगवान दादा को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा भगवान दादा अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः भगवान दादा को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान भगवान दादा सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। भगवान दादा को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। भगवान दादा की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए भगवान दादा को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो भगवान दादा संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही भगवान दादा को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में भगवान दादा की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना भगवान दादा को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद भगवान दादा कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और भगवान दादा को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। भगवान दादा की सोच नकारात्मक हो सकती है। भगवान दादा को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। भगवान दादा को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि भगवान दादा समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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