विश्वजीत चटर्जी
Dec 14, 1936
3:0:0
Calcutta
88 E 20
22 N 30
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
विश्वजीत चटर्जी जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, विश्वजीत चटर्जी की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, विश्वजीत चटर्जी को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। विश्वजीत चटर्जी ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। विश्वजीत चटर्जी का घर विश्वजीत चटर्जी के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। विश्वजीत चटर्जी सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर विश्वजीत चटर्जी कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर विश्वजीत चटर्जी प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, विश्वजीत चटर्जी अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां विश्वजीत चटर्जी के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
स्वास्थ्य के बारे में विश्वजीत चटर्जी को चिन्ता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। हाँलाकि विश्वजीत चटर्जी की शारीरिक-संरचना आदर्श नहीं है, परन्तु इसमें कोई बड़ी समस्या भी नहीं है। लेकिन विश्वजीत चटर्जी को ध्यान देने की आवश्यकता है। फेंफड़े विश्वजीत चटर्जी के दुर्बलतम अंग हैं, पर स्नायु भी विश्वजीत चटर्जी को परेशानी दे सकते हैं। विश्वजीत चटर्जी सिरदर्द एवं माइगे्रन से पीडि़त हो सकते हैं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक जीवन जिएं, खुली हवा का आनन्द लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें।
यात्रा विश्वजीत चटर्जी के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि विश्वजीत चटर्जी के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।विश्वजीत चटर्जी को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि विश्वजीत चटर्जी को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।