चिन्मययी श्रीपाद
Sep 10, 1984
12:00:00
Chennai
80 E 18
13 N 5
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
चिन्मययी श्रीपाद के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः चिन्मययी श्रीपाद विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, चिन्मययी श्रीपाद प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस चिन्मययी श्रीपाद के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति चिन्मययी श्रीपाद का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार चिन्मययी श्रीपाद विवाह बन्धन में बंध गये, तो चिन्मययी श्रीपाद इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
चिन्मययी श्रीपाद को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। चिन्मययी श्रीपाद को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही चिन्मययी श्रीपाद के लिये ठीक नहीं हैं। चिन्मययी श्रीपाद सूर्य से बचें, विशेषतः यदि चिन्मययी श्रीपाद को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण चिन्मययी श्रीपाद के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में चिन्मययी श्रीपाद को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह चिन्मययी श्रीपाद के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि चिन्मययी श्रीपाद समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय चिन्मययी श्रीपाद अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण चिन्मययी श्रीपाद की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही चिन्मययी श्रीपाद अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
फुरसत के लम्हे चिन्मययी श्रीपाद के लिये विशेष महत्व रखता है तथा चिन्मययी श्रीपाद उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे चिन्मययी श्रीपाद कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह चिन्मययी श्रीपाद की बुद्धिमत्ता है, कि चिन्मययी श्रीपाद अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। चिन्मययी श्रीपाद थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य चिन्मययी श्रीपाद को पसन्द हैं।