चित्त बाबू
Oct 13, 1936
19:00:00
Kakinada
82 E 20
16 N 59
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
यदि चित्त बाबू को अपने मिजाज के अनुरूप जीवन का आनन्द उठाना है, तो इसमें कोई शक नहीं है कि चित्त बाबू विवाह करेंगे। अकेलापन चित्त बाबू के लिये मृत्यु के समान है और जब चित्त बाबू को कोई उपयुक्त साथ मिल जाता है, तो चित्त बाबू एक मोहक व्यक्ति होते हैं। चित्त बाबू एक युवती से विवाह करना चाहते हैं और इसके लिये चित्त बाबू को ऐसा जीवनसाथी चुनना चाहिए, जोकि प्रसन्न एवं खुशमिजाज हो। चित्त बाबू एक स्वच्छ एवं व्यवस्थित घर में रहना पसन्द करते हैं।
चित्त बाबू के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। चित्त बाबू हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः चित्त बाबू किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि चित्त बाबू जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि चित्त बाबू मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, चित्त बाबू को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। चित्त बाबू को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा चित्त बाबू जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। चित्त बाबू थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि चित्त बाबू ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि चित्त बाबू उससे बच सकते थे। चित्त बाबू के नेत्र चित्त बाबू की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। चित्त बाबू पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
चित्त बाबू की अभिरुचियां एवं समय काटने के साधन थकावट भरे हैं। क्रिकेट, फुटबाॅल और टेनिस आदि चित्त बाबू के पसन्द के खेल हैं। चित्त बाबू पूरे दिन कठोर परिश्रम करते हैं और शाम को टेनिस, गोल्फ, बैडमिण्टन जैसे खेल खेलते हैं। चित्त बाबू की एथलेटिक खेलों में भाग लेने में विशेष रुचि है। सम्भवतः चित्त बाबू ने खेलों में कई पुरुस्कार जीते होंगे। जहां तक कि खेलों का प्रश्न है,चित्त बाबू की जीवन-ऊर्जा आश्चर्यजनक है।