ईसाई कोलमन
Mar 6, 1996
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Atlanta
84 W 23
33 N 44
-5
Internet
संदर्भ (स.)
ईसाई कोलमन प्रेम को बड़ी गम्भीरता से लेते हैं। वस्तुतः, ईसाई कोलमन से पाने का प्रयास इस तरह करते हैं, कि ईसाई कोलमन का प्रिय उससे भयभीत हो सकता है। एकबार प्रेम की निर्बाध धारा प्रवाहित होना प्रारम्भ हो जाए, ईसाई कोलमन दर्शाते हैं कि ईसाई कोलमन का लगाव गहरा व वास्तविक है। ईसाई कोलमन एक सहानुभूतिपूर्ण जीवनसाथी हैं और जिससे ईसाई कोलमन विवाह करेंगे, वह ईसाई कोलमन का अखण्ड प्रेम प्राप्त करेगा। हांलाकि ईसाई कोलमन उससे यह उम्मीद करते हैं कि वह ईसाई कोलमन की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुने, परन्तु ईसाई कोलमन के अन्दर दूसरों की बात को ध्यान से सुनने का धैर्य नहीं है।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि ईसाई कोलमन हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि ईसाई कोलमन दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि ईसाई कोलमन अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
ईसाई कोलमन के कई शौक हैं और ईसाई कोलमन इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही ईसाई कोलमन धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर ईसाई कोलमन कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। ईसाई कोलमन जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः ईसाई कोलमन की अभिरुचियां ईसाई कोलमन को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही ईसाई कोलमन को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।