दाजी भाटवडेकर
Sep 15, 1921
20:30:0
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
दाजी भाटवडेकर जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, दाजी भाटवडेकर की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, दाजी भाटवडेकर को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। दाजी भाटवडेकर ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। दाजी भाटवडेकर का घर दाजी भाटवडेकर के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। दाजी भाटवडेकर सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर दाजी भाटवडेकर कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर दाजी भाटवडेकर प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, दाजी भाटवडेकर अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां दाजी भाटवडेकर के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
दाजी भाटवडेकर के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। दाजी भाटवडेकर हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः दाजी भाटवडेकर किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि दाजी भाटवडेकर जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि दाजी भाटवडेकर मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, दाजी भाटवडेकर को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। दाजी भाटवडेकर को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा दाजी भाटवडेकर जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। दाजी भाटवडेकर थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि दाजी भाटवडेकर ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि दाजी भाटवडेकर उससे बच सकते थे। दाजी भाटवडेकर के नेत्र दाजी भाटवडेकर की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। दाजी भाटवडेकर पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
दाजी भाटवडेकर के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक दाजी भाटवडेकर को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। दाजी भाटवडेकर को सदैव यह लगता है कि भविष्य में दाजी भाटवडेकर को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। दाजी भाटवडेकर जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। दाजी भाटवडेकर के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। दाजी भाटवडेकर के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि दाजी भाटवडेकर के अन्दर क्षमता नहीं है,तो दाजी भाटवडेकर उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।