देवराज
Sep 20, 1953
12:00:00
Bangalore
77 E 35
13 N 0
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
देवराज अपने व्यावसायिक जीवन में जिद्दी स्वभाव के एवं स्वयं निर्णय लेने वाले हैं। देवराज अनुकरण करने वाले की बजाय नेतृत्व करने वाले होंगे। देवराज सम्याओं को उद्देश्यपूर्ण तरीक से देखें और सिर्फ अपनी जिद के कारण ही निणर्य न लें, अन्यथा ये देवराज की सफलता के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
देवराज का मानवीय स्वभाव और दूसरों के दुःख-दर्द दूर करने की इच्छा के कारण चिकित्सा कार्यक्षेत्र या ‘नर्सिंग‘ (यदि देवराज स्त्री हैं) देवराज के लिये उपयुक्त है। इन दोनों में ही देवराज अपनी आकांक्षा को प्राप्त कर पाएंगे और संसार में निश्चय ही अच्छा एवं उपयोगी कार्य कर पाएंगे। यदि देवराज ये कार्यक्षेत्र नहीं भी अपना पाते हैं, तो भी देवराज के मिजाज के अनुरूप अन्य कई सम्भावनाएं हैं। एक शिक्षक के तौर पर देवराज बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। एक प्रबन्धक के तौर पर देवराज अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से कर पाएंगे औैर देवराज के सहकर्मी देवराज के आदेशानुसार कार्य करेंगे,क्योंकि वे जानते हैं कि देवराज एक अच्छे मित्र हैं। इसके अलावा भी देवराज विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं, मुख्यतः साहित्यिक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति, जिसका मिश्रण देवराज को एक बेहतर लेखक बनाता है। देवराज टीवी और फिल्म के लिये एक बेहतर अभिनेता भी हो सकते हैं। यदि देवराज इस तरह के कार्य क्षेत्रों का चुनाव करते हैं, तो देवराज अपने धन व समय को सामाजिक कार्यों में भी लगाएंगे।
वित्त का प्रश्न देवराज के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। देवराज के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन देवराज अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। देवराज कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। देवराज को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में देवराज के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। देवराज के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। देवराज असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, देवराज एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में देवराज भाग्यशाली होंगे। देवराज के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार देवराज अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।