देवदत्त पडिक्कल
Jul 7, 2000
00:00:00
Edapal, Malappuram
76 E 2
11 N 0
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
देवदत्त पडिक्कल जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, देवदत्त पडिक्कल की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, देवदत्त पडिक्कल को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। देवदत्त पडिक्कल ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। देवदत्त पडिक्कल का घर देवदत्त पडिक्कल के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। देवदत्त पडिक्कल सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर देवदत्त पडिक्कल कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर देवदत्त पडिक्कल प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, देवदत्त पडिक्कल अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां देवदत्त पडिक्कल के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि देवदत्त पडिक्कल हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि देवदत्त पडिक्कल दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि देवदत्त पडिक्कल अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
यात्रा देवदत्त पडिक्कल के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि देवदत्त पडिक्कल के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।देवदत्त पडिक्कल को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि देवदत्त पडिक्कल को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।