देवदत्त पटनायक
Dec 11, 1970
00:00:00
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Web
संदर्भ (स.)
क्योंकि देवदत्त पटनायक धैर्यवान हैं और देवदत्त पटनायक एक स्थिर कार्य चाहते हैं, इसलिये देवदत्त पटनायक को जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है। देवदत्त पटनायक को बैंकिंग,सरकारी सेवा, बीमा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भाग्य आजमाइश करनी चाहिए जहां पर परिवर्तन धीरे-धीरे एवं सुनिश्चित तौर पर होता हो। देवदत्त पटनायक इस प्रकार के कार्य में न सिर्फ लम्बी दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करेंगे बल्कि देवदत्त पटनायक को उसके भीतर देखने का धैर्य और साहस भी है।
देवदत्त पटनायक जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो देवदत्त पटनायक बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः देवदत्त पटनायक को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। देवदत्त पटनायक को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें देवदत्त पटनायक को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि देवदत्त पटनायक स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र देवदत्त पटनायक को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें देवदत्त पटनायक को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो देवदत्त पटनायक के अनुकूल भी है। देवदत्त पटनायक के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि देवदत्त पटनायक को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय देवदत्त पटनायक नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
देवदत्त पटनायक के जीवन में वित्त सम्बन्धी कई उतार-चढ़ाव आएंगे, मुख्यतः देवदत्त पटनायक की जल्दबाजी एवं अपनी क्षमता से अधिक का काम करने के कारण।देवदत्त पटनायक एक सफल कम्पनी प्रमोटर, शिक्षक, वक्ता या आयोजक हो सकते हैं। देवदत्त पटनायक के अन्दर सदैव से ही पैसा बनाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही साथ इस दौरान देवदत्त पटनायक के कई शत्रु बन सकते हैं। देवदत्त पटनायक के व्यापार व उद्योग से अच्छी धनार्जन की उम्मीद है और देवदत्त पटनायक के जीवन में असीम धनार्जन की अनेक अवसर आएंगे यदि देवदत्त पटनायक अपनी इच्छा शक्ति पर काबू रखते हैं। जो कि समय-समय पर खर्चीले मुकदमों या देवदत्त पटनायक के शक्तिशाली शत्रुओं की वजह से देवदत्त पटनायक के हाथ से जा सकते हैं। अतः देवदत्त पटनायक को लोगों के नियंत्रण की विद्या सीखने का प्रयास करना चाहिये एवं मतभेदों से भी बचना चाहिये।