दिवाकर पुंडिर
Nov 11, 1975
12:00:00
Hyderabad
78 E 26
17 N 22
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
क्योंकि दिवाकर पुंडिर सिक्के के दौनों पहलू देखना जानते हैं,विधि एवं कानून दिवाकर पुंडिर के लिये सर्वोत्तम कार्यक्षेत्र हैं। दिवाकर पुंडिर श्रमिक-मध्यस्थ की तरह या ऐसा कोई भी कार्यक्षेत्र जहां दिवाकर पुंडिर के पास शान्ति एवं सद्भाव बनाये रखने का कार्य हो, बेहतर करेंगे। दिवाकर पुंडिर उन कार्यक्षेत्रों से दूर रहें जहां दिवाकर पुंडिर को तुरन्त एवं बारम्बार निर्णय लेना पड़ता हो क्योंकि ऐसा करने में दिवाकर पुंडिर को कठनाई महसूस होगी।
दिवाकर पुंडिर व्यापार के लिये उपयुक्त व्यक्ति नहीं है, क्योंकि इसके लिये एक विषेश प्रकार के स्वाभाव की आवश्यकता होती है जो दिवाकर पुंडिर के पास नहीं है। कई सारे कार्यक्षेत्र ऐसे हैं जहां पर रोज एक जैसे कार्य करने पड़ते हैं जोकि दिवाकर पुंडिर के कलात्मक स्वाभाव के विपरीत है। दूसरे शब्दों में, हालांकि दिवाकर पुंडिर इन दिशाओं में सफल नहीं होंगे, ऐसे कई कार्यक्षेत्र हैं जहां पर दिवाकर पुंडिर निश्चित रूप से बेहतर करेंगे। संगीत की कई ऐसी शाखाएं हैं जहां दिवाकर पुंडिर अपने दिवाकर पुंडिर को उपयुक्त पायेंगे। साहित्य और नाट्यकला आदि कुछ अन्य क्षेत्र हैं जहां के लिये दिवाकर पुंडिर उपयुक्त हैं। सामान्यतः दिवाकर पुंडिर के अन्दर कुछ श्रेष्ठ कार्यक्षेत्रों को अपनाने की क्षमता है। विधि एवं चिकित्सा क्षेत्र भी सम्भव है। परन्तु, चिकित्सा के बारे में एक बात विशेष ध्यान देने वाली है कि डाॅक्टर होते हुए दिवाकर पुंडिर को कई ऐसे दुःखदायी दृश्यों को देखना पड़ेगा जो दिवाकर पुंडिर के संतुलित मिजाज को हिला देंगे।
दिवाकर पुंडिर के जीवन में वित्त सम्बन्धी कई उतार-चढ़ाव आएंगे, मुख्यतः दिवाकर पुंडिर की जल्दबाजी एवं अपनी क्षमता से अधिक का काम करने के कारण।दिवाकर पुंडिर एक सफल कम्पनी प्रमोटर, शिक्षक, वक्ता या आयोजक हो सकते हैं। दिवाकर पुंडिर के अन्दर सदैव से ही पैसा बनाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही साथ इस दौरान दिवाकर पुंडिर के कई शत्रु बन सकते हैं। दिवाकर पुंडिर के व्यापार व उद्योग से अच्छी धनार्जन की उम्मीद है और दिवाकर पुंडिर के जीवन में असीम धनार्जन की अनेक अवसर आएंगे यदि दिवाकर पुंडिर अपनी इच्छा शक्ति पर काबू रखते हैं। जो कि समय-समय पर खर्चीले मुकदमों या दिवाकर पुंडिर के शक्तिशाली शत्रुओं की वजह से दिवाकर पुंडिर के हाथ से जा सकते हैं। अतः दिवाकर पुंडिर को लोगों के नियंत्रण की विद्या सीखने का प्रयास करना चाहिये एवं मतभेदों से भी बचना चाहिये।