गायत्री जोशी
Mar 20, 1977
12:00:00
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
गायत्री जोशी के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः गायत्री जोशी विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, गायत्री जोशी प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस गायत्री जोशी के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति गायत्री जोशी का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार गायत्री जोशी विवाह बन्धन में बंध गये, तो गायत्री जोशी इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
गायत्री जोशी बेहतर स्वास्थ्य के स्वामी हैं। गायत्री जोशी में पर्याप्त अन्तः-शक्ति है तथा यह वृद्धावस्था तक कायम रहेगी, यदि गायत्री जोशी खुली हवा में पर्याप्त व्यायाम लेते हैं। लेकिन इसकी अधिकता से बचें। यदि गायत्री जोशी इसे जरूरत से ज्यादा करेंगे, तो गायत्री जोशी श्वसन सम्बन्धी परेशानी महसूस कर सकते हैं। गायत्री जोशी पैंतालीस की आयु के पश्चात् कमर दर्द एवं गठिया से पीडि़त हो सकते हैं। इन बीमारियों का कारण पता करना कठिन है, पर यह रात की हवा जोड़ों पर लगने के कारण सम्भव है।
गायत्री जोशी मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला गायत्री जोशी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। गायत्री जोशी अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। गायत्री जोशी पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। गायत्री जोशी का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।