गाउंडमानी
Mar 18, 1939
12:0:0
Udamaliapettai
77 E 15
10 N 34
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक गाउंडमानी जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। गाउंडमानी प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि गाउंडमानी ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो गाउंडमानी अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, गाउंडमानी उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
गाउंडमानी की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन गाउंडमानी स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण गाउंडमानी की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। गाउंडमानी अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, गाउंडमानी जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें गाउंडमानी की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो गाउंडमानी खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
गाउंडमानी के कई शौक हैं और गाउंडमानी इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही गाउंडमानी धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर गाउंडमानी कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। गाउंडमानी जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः गाउंडमानी की अभिरुचियां गाउंडमानी को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही गाउंडमानी को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।