गुरु रंधावा
Aug 30, 1991
12:00:00
Gurdaspur
75 E 28
32 N 4
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
गुरु रंधावा के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः गुरु रंधावा विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, गुरु रंधावा प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस गुरु रंधावा के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति गुरु रंधावा का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार गुरु रंधावा विवाह बन्धन में बंध गये, तो गुरु रंधावा इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
स्वास्थ्य के बारे में गुरु रंधावा को चिन्ता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। हाँलाकि गुरु रंधावा की शारीरिक-संरचना आदर्श नहीं है, परन्तु इसमें कोई बड़ी समस्या भी नहीं है। लेकिन गुरु रंधावा को ध्यान देने की आवश्यकता है। फेंफड़े गुरु रंधावा के दुर्बलतम अंग हैं, पर स्नायु भी गुरु रंधावा को परेशानी दे सकते हैं। गुरु रंधावा सिरदर्द एवं माइगे्रन से पीडि़त हो सकते हैं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक जीवन जिएं, खुली हवा का आनन्द लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें।
गुरु रंधावा के कई शौक हैं और गुरु रंधावा इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही गुरु रंधावा धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर गुरु रंधावा कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। गुरु रंधावा जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः गुरु रंधावा की अभिरुचियां गुरु रंधावा को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही गुरु रंधावा को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।