गुरुराजा पुजारी
Aug 15, 1992
00:00:00
Kundapur
74 E 45
13 N 38
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
प्रेम सम्बन्धों में भी गुरुराजा पुजारी उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि गुरुराजा पुजारी काम एवं खेल में हैं। एक बार गुरुराजा पुजारी प्यार में पड़ गये, तो गुरुराजा पुजारी अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि गुरुराजा पुजारी अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो गुरुराजा पुजारी अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब गुरुराजा पुजारी का विवाह हो जाएगा तो गुरुराजा पुजारी अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। गुरुराजा पुजारी अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
गुरुराजा पुजारी के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, गुरुराजा पुजारी स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर गुरुराजा पुजारी जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र गुरुराजा पुजारी के शरीर का ऐसा भाग है, जो गुरुराजा पुजारी को सर्वाधिक परेशानी देगा। गुरुराजा पुजारी को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। गुरुराजा पुजारी को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी गुरुराजा पुजारी को यह सलाह है कि गुरुराजा पुजारी पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। गुरुराजा पुजारी की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण गुरुराजा पुजारी जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगरगुरुराजा पुजारी युवा-मण्डली में रहते हैं, तो गुरुराजा पुजारी कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
‘आउटडोर‘ गुरुराजा पुजारी के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और गुरुराजा पुजारी इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि गुरुराजा पुजारी उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। गुरुराजा पुजारी खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि गुरुराजा पुजारी को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि गुरुराजा पुजारी तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। गुरुराजा पुजारी पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा गुरुराजा पुजारी ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।