बड़ा जहाज़
Jul 25, 1986
12:0:0
Campinas
47 W 0
22 S 50
-3
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
बड़ा जहाज़ के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः बड़ा जहाज़ विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, बड़ा जहाज़ प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस बड़ा जहाज़ के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति बड़ा जहाज़ का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार बड़ा जहाज़ विवाह बन्धन में बंध गये, तो बड़ा जहाज़ इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
सबसे ऊपर बड़ा जहाज़ अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। बड़ा जहाज़ इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, बड़ा जहाज़ की प्रकृति इस प्रकार है कि बड़ा जहाज़ के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर बड़ा जहाज़ के लिये खराब है व जल्दबाजी बड़ा जहाज़ के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः बड़ा जहाज़ शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। बड़ा जहाज़ को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। बड़ा जहाज़ को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
बड़ा जहाज़ के कई शौक हैं और बड़ा जहाज़ इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही बड़ा जहाज़ धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर बड़ा जहाज़ कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। बड़ा जहाज़ जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः बड़ा जहाज़ की अभिरुचियां बड़ा जहाज़ को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही बड़ा जहाज़ को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।