हुमा कुरैशी
Jul 28, 1986
12:0:0
Delhi
77 E 13
28 N 39
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
हुमा कुरैशी के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः हुमा कुरैशी विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, हुमा कुरैशी प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस हुमा कुरैशी के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति हुमा कुरैशी का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार हुमा कुरैशी विवाह बन्धन में बंध गये, तो हुमा कुरैशी इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
सबसे ऊपर हुमा कुरैशी अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। हुमा कुरैशी इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, हुमा कुरैशी की प्रकृति इस प्रकार है कि हुमा कुरैशी के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर हुमा कुरैशी के लिये खराब है व जल्दबाजी हुमा कुरैशी के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः हुमा कुरैशी शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। हुमा कुरैशी को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। हुमा कुरैशी को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
हुमा कुरैशी के कई शौक हैं और हुमा कुरैशी इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही हुमा कुरैशी धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर हुमा कुरैशी कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। हुमा कुरैशी जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः हुमा कुरैशी की अभिरुचियां हुमा कुरैशी को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही हुमा कुरैशी को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।