जयशंकर प्रसाद
Jan 30, 1890
8:23:0
Varanasi
83 E 0
25 N 20
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
जयशंकर प्रसाद जनसंचार सम्बन्धित क्षेत्रों में बेहतर करेंगे। जयशंकर प्रसाद का व्यक्त्वि अनुकरणीय एवं आकर्षक है। अतः इसका बेहतर फायदा उठाने के लिये जयशंकर प्रसाद का ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिये जहां निरन्तर अनुकरण से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हों।
जयशंकर प्रसाद व्यापार के लिये उपयुक्त व्यक्ति नहीं है, क्योंकि इसके लिये एक विषेश प्रकार के स्वाभाव की आवश्यकता होती है जो जयशंकर प्रसाद के पास नहीं है। कई सारे कार्यक्षेत्र ऐसे हैं जहां पर रोज एक जैसे कार्य करने पड़ते हैं जोकि जयशंकर प्रसाद के कलात्मक स्वाभाव के विपरीत है। दूसरे शब्दों में, हालांकि जयशंकर प्रसाद इन दिशाओं में सफल नहीं होंगे, ऐसे कई कार्यक्षेत्र हैं जहां पर जयशंकर प्रसाद निश्चित रूप से बेहतर करेंगे। संगीत की कई ऐसी शाखाएं हैं जहां जयशंकर प्रसाद अपने जयशंकर प्रसाद को उपयुक्त पायेंगे। साहित्य और नाट्यकला आदि कुछ अन्य क्षेत्र हैं जहां के लिये जयशंकर प्रसाद उपयुक्त हैं। सामान्यतः जयशंकर प्रसाद के अन्दर कुछ श्रेष्ठ कार्यक्षेत्रों को अपनाने की क्षमता है। विधि एवं चिकित्सा क्षेत्र भी सम्भव है। परन्तु, चिकित्सा के बारे में एक बात विशेष ध्यान देने वाली है कि डाॅक्टर होते हुए जयशंकर प्रसाद को कई ऐसे दुःखदायी दृश्यों को देखना पड़ेगा जो जयशंकर प्रसाद के संतुलित मिजाज को हिला देंगे।
जयशंकर प्रसाद की आर्थिक स्थिति बहुत ही विरोधाभासी होगी। पहले तो जयशंकर प्रसाद का भाग्य बहुत अच्छा चलेगा, किन्तु बाद में उतने ही समय के लिये बिल्कुल विपरीत दिशा में चलेगा और कुछ भी ठीक न होता हुआ प्रतीत होगा। जयशंकर प्रसाद को को सभी प्रकार के जुए व सट्टेबाजी से दूर रहना चाहिए और अपने खर्चीले स्वभाव पर नियन्त्र रखना चाहिए। जयशंकर प्रसाद धन सम्बन्धी अनिश्चित परिस्थितियों में फंस सकते हैं। जयशंकर प्रसाद आरम्भिक स्थिति में कुछ धन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन जयशंकर प्रसाद उसे रोक नहीं पाते हैं। जयशंकर प्रसाद के विचार व युक्तियाँ जयशंकर प्रसाद की पीढी से आगे के होते हैं। जयशंकर प्रसाद को अनिश्चितताओं में लिप्त होने में आनन्द आता है, परन्तु अन्त में ये जयशंकर प्रसाद को नुकसान देंगे। विद्युत, वायरलॅस, रेडियो, टीवी, चलचित्र, भवन-निर्माण वसाथ ही साहित्य या अन्य कोई कल्पनाशील रचना आदि से जुड़े हुए विचार जयशंकर प्रसाद के लिये श्रेष्ठ हैं।