जवाहर लाल नेहरू
Nov 14, 1889
23:30:00
Allahabad
81 E 50
25 N 57
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
जवाहर लाल नेहरू को प्रतिस्पर्धा और जोखिम भरे काम पसन्द हैं,अतः जवाहर लाल नेहरू अपना कार्यक्षेत्र शीघ्र परिवर्तित करते हैं। जवाहर लाल नेहरू को ऐसा कार्य चुनना चाहिए,जिसमें अनेक आयाम हों और आगे बढ़ने के अवसर हों ताकि जवाहर लाल नेहरू समय-समय पर परिवर्तन से बचें। अतः जवाहर लाल नेहरू को जल्दी-जल्दी कार्यक्षेत्र परिवर्तित नहीं करना चाहिए।
वे सभी कार्य जिनमें स्थिरता और बुद्धिमत्ता की आवश्यकता हो, जवाहर लाल नेहरू को सन्तुष्टि प्रदान करते हैं, विशेषकर जीवन के मध्यया उत्तरार्ध में। जवाहर लाल नेहरू का निर्णय सकारात्मक होता है और सभी कार्यों में व्यवस्थित होते हैं। जवाहर लाल नेहरू अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिये शान्ति और एकाग्रता चाहते हैं। जवाहर लाल नेहरू को जल्दबाजी पसन्द नहीं है। जवाहर लाल नेहरू का व्यवस्थित स्वाभाव जवाहर लाल नेहरू कों दूसरों पर बढ़त दिलाता है, क्योंकि जवाहर लाल नेहरू शान्त हैं और क्रोधी स्वभाव के नहीं हैं, जवाहर लाल नेहरू के सहकर्मी स्वामी भक्त होंगे। जवाहर लाल नेहरू के पास वित्त को समझने वाला मस्तिष्क है, अतः जवाहर लाल नेहरू बैंकिंग, वित्तीय कम्पनी, शेयर दलाल आदि कार्यों में बेहतर करेंगे। परन्तु सभी प्रकार का ‘आॅफिस वर्क‘ जवाहर लाल नेहरू के अनुकूल होता है।
जीवन के प्रारम्भिक भाग में जवाहर लाल नेहरू आर्थिक तौर पर भाग्यशाली होंगे लेकिन जवाहर लाल नेहरू के स्वयं के खर्चीले स्वाभाव के कारण एवं भविष्य के लिये किसी भी योजना के न होने के कारण, अपने जीवन के अन्त समयसे काफी पहले ही अपने जवाहर लाल नेहरू को गरीबी की अवस्था में ले जाएंगे। जवाहर लाल नेहरू को वित्तीय मामलों में जरूरत से अधिक फिक्रमन्द नहीं होना चाहिए। जवाहर लाल नेहरू अपने जीवन में धन संचयमें कभी सफल नहीं होंगे। यदि जवाहर लाल नेहरू को पास जवाहर लाल नेहरू की आवश्यकता को पूरा करने के लिये पर्याप्त धन होता है तो जवाहर लाल नेहरू धन की अधिक चिन्ता नहीं करते हैं। जवाहर लाल नेहरू उस आशावादी श्रेणी से हैै जो स्वप्न में जीते है।