जयश्री गडकर
Mar 22, 1940
3:45:0
Karwar
74 E 9
14 N 50
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
जयश्री गडकर जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, जयश्री गडकर की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, जयश्री गडकर को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। जयश्री गडकर ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। जयश्री गडकर का घर जयश्री गडकर के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। जयश्री गडकर सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर जयश्री गडकर कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर जयश्री गडकर प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, जयश्री गडकर अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां जयश्री गडकर के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि जयश्री गडकर हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि जयश्री गडकर दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि जयश्री गडकर अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
‘आउटडोर‘ जयश्री गडकर के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और जयश्री गडकर इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि जयश्री गडकर उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। जयश्री गडकर खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि जयश्री गडकर को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि जयश्री गडकर तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। जयश्री गडकर पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा जयश्री गडकर ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।