Jitu Rai
Aug 26, 1987
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India Gate
77 E 13
28 N 36
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Jitu Rai जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, Jitu Rai की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, Jitu Rai को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। Jitu Rai ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। Jitu Rai का घर Jitu Rai के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। Jitu Rai सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर Jitu Rai कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर Jitu Rai प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, Jitu Rai अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां Jitu Rai के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि Jitu Rai हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि Jitu Rai दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि Jitu Rai अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके Jitu Rai को आकर्षित करते हैं और वो Jitu Rai का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि Jitu Rai की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और Jitu Rai इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। Jitu Rai मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन Jitu Rai चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में Jitu Rai हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां Jitu Rai को आकर्षित करती हैं और Jitu Rai यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।