के के पाठक
Jun 28, 1933
9:00:00
Siwan
84 E 21
26 N 14
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
क्योंकि के के पाठक धैर्यवान हैं और के के पाठक एक स्थिर कार्य चाहते हैं, इसलिये के के पाठक को जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है। के के पाठक को बैंकिंग,सरकारी सेवा, बीमा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भाग्य आजमाइश करनी चाहिए जहां पर परिवर्तन धीरे-धीरे एवं सुनिश्चित तौर पर होता हो। के के पाठक इस प्रकार के कार्य में न सिर्फ लम्बी दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करेंगे बल्कि के के पाठक को उसके भीतर देखने का धैर्य और साहस भी है।
ऐसे कई कार्य क्षेत्र हैं जहाँ के के पाठक सफल हो सकते हैं। ऐसा कोई भी कार्य, जिसमें परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है के के पाठक की क्षमताओं के भीतर है, क्योंकि के के पाठक शीघ्र सीखने वाले हैं और सफलता के रास्ते की कठिनाइयां के के पाठक को परेशान नहीं करती हैं। के के पाठक एक उत्तम पत्रकार हो सकते हैं, अच्छे गुप्तचर भी हो सकते हैं। के के पाठक की सूक्ष्म समझ विभिन्न कार्यो में उपयोगी है।
के के पाठक के पास वित्तीय मामलों मे निर्णय लेने की क्षमता है। के के पाठक अपनी योजनाओं को साकार करने में सफल होंगे यदि के के पाठक के व्यावसायिक भागीदार उसका विरोध नहीं करता। अतः जहां तक सम्भव हो भागीदारी वाला व्यापार न करें। के के पाठक को अपने शुरुआती सालों में कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। इसके बाबजूद,के के पाठक की उच्च सोच के कारण न कि भाग्य के कारण के के पाठक को पर्याप्त वित्तीय सफलता, पद व प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। यह के के पाठक के लिये उचित होगा कि अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन अकेले ही करें। यदा-कदा के के पाठक के कुछ निवेश के के पाठक के लिये भाग्यशाली साबित होंगे और के के पाठक निश्चय ही सामान्य से हटकर धन बनाने में सफल होंगे।